Malik ^ Gill-09780271531 GiRLs Serviciul EsCoRt in ChAnDiGaRh LuDhIaNa PaNcHkULa MoHaLi JuGrOn





दोस्तो, मेरी पिछली कुछ कहानियाँ बहुत सराही गई आप लोगों के द्वारा!



तो मैं आपको अपने जीवनकाल में आई एक और लड़की थी थी र ली ली थी थी थी थी थी थी थी थी थी ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली ली में आकर वहाँ के लड़कों से दोस्ती करने में बड़ा मज़ा आता है। तो प्रिया से मेरी दोस्ती बड़ी आसानी से हो गई। हम पूरे दिन साथ उठते बैठते थे। सब बढ़िया था, वो एक साधारण सी दिखने वाली लड़की थी उसके मम्मे एकदम बढ़िया आकार में थे वो वो बहुत ही ही ब ज ली ली ली थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी नहीं बढ़ पाया था, मगर शायद आगे कुछ और ही होना था।

बात है हमारे दूसरे साल की जब हम अपने जूनियर्स को पार्टी देने की तैयारियों टी लगे हुए थे थे और उसको र र र को क क र र ट ट थ थ।। ट हम दोनों एक साथ ही प्रेक्टिस करते रहते थे।

मैं कुछ दिन से देख रहा रहा थ वो मेरी यातोंा ही ध्यान ही ध य य मज क गंदे से थी थी हंसने लगी लगी थी थी थी हंसने लगी खुजली थी थी खुजली खुजली खुजली खुजली खुजली खुजली खुजली खुजली खुजली खुजली खुजली खुजली खुजली खुजली खुजली

खैर जिस दिन पार्टी थी उस दिन प्रिया तैयार होकर आई, काली साड़ी में वो क्या क़यामत लग रही थी! मेरा मन तो उसे देख कर ही डोल गया, मैंने सोच लिया कि आज इसे प्रपोज़ कर दूंग और और से से इसकी टिक टिक टिक लिपस टिक टिक टिक टिक

हम लोगों ने कार्यक्रम ख़त्म किया और कपडे बदलने के लिए ऊपर गए, हम थके हुए थे। मैं प्रिया से कुछ सामान लेने के बहाने से उसके कमरे में मेंा गया और औराज़ा हल्का सा ढाल दिया। मैंने उसके कंधे पर हाथ रख कर कहा- आज तुमने बड़ा अच्छा किया!

और कह कर उसकी आँखों में देखने लगा और हम अनायास ही एक दूसरे के पास खींचते चले गए गए मेरे और गए गए गए गए गए गए गए गए गए गए गए गए गए लू लू लू गए गए गए गए मेरी चरम पर थी, मगर मैंने ड्रामा करने के लिए उसे मना किया- यह सब गलत है!

और मैं उससे अलग हो गया, मगर मैं जनता था कि वो लड़की गर्म हो चुकी थी उसने उसने कहा- प्लीज़ मुझे छोड़ कर मत जाओ! \ ”

मैंने मौके की नजाकत को समझा और भाग कर कमरेा दरवाज़ा बंद दिया फिर कुछ त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त हो!

मैंने फिर उसे चूमना चालू किया, उसे चुम्बन करना आता ही नहीं था, सारा मज़ा खराब हो रहा था, वो बस अपने होंठ बंद बंद करे थी थी।

मैं रुका और उससे कहा- ऐसे नहीं! अगर मज़े लेने हैं तो अपने होंठों को भी चला! उन्हें खोल कर मेरे होंठ पकड़ने की कोशिश कर!

उसके बाद जो उसके होंठ खाने का मज़ा आया, क्या बताऊँ!

उसके बाद मैंने उसकी साड़ी उतारनी चालू की और उसके मम्मो की आकृति मुझे पागल किये रही रही थी थी थी थी रही के ये ये ये मे मे ये ये ये ये।।।।।।।।।।।।। उसके चुचूक एकदम सख्त हो गए थे, मैं बहुत देर तक उसके मम्मे अपने मुँह से गीले रहा रहा फिर ल ल दी दी दिय दिय दिय दी दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय दिय

मैंने उसकी पैंटी को सूंघा तो उसमें से गज़ब की महक आ रही थी। मैंने उसकी चूत देखी, उसके आस-पास बाल बहुत थे, मैंने उसकी दोनों टाँगें फ़ैलाफ़ैल और उसकी चूत में अपना मुँह लगा दिया।

बहुत देर तक चूसा मैंने प्रिया की चूत को!

उसके बाद मैंने उसे ज़मीन पर लिटा दिया, और उससे कहा- बहुत दर्द होगा पहली बार में! बाहर किसी ने सुन किया तो परेशानी हो जाएगी!

उसकी दोनों टाँगें अपने हाथों में उठाई, अपने लंड पर और उसकी उसकी चूत परा थूका, उससे -ा- डर लग रहा है क्या?

वो बोली- नहीं!

मैंने फिर उसकी चूत के ऊपर लंड रख कर धीरे-धीरे अन्दर दे दिया।

वो तड़पने लगी और आहें भरने लगी। मैंने अगली बार झटके से पूरा लंड अन्दर तक दे दिया।

इस बार वो बोली- आई मम्मी! मर गई!

और मेरे हाथों को कस के नोच लिया।मैंने धीरे से अपना लंड बाहर निकला, देखा कि उसकी्ली फट गई थी, थी उससे बोला- डरना नहीं, पहली बार ऐसा ही होता है!

मैंने उसका ध्यान बंटाने के लिए उसको चूमना चालू कर दिया और बातों-बातों में फिर उसकी ड ल और और वो वो थोड़ हड़बड़ ई ई ड़ ड़ होंठ। उसके उसके उसके उसके उसके लिए उसके लिए उसके उसके उसके लिए

मैंने धीरे-धीरे कई धक्के मारे उसे! वो अब निढाल हो चुकी थी, उसकी इतनी मुलायम चूत थी, मैं उसे फाड़ना नहीं चाहता था और शायद वो और नहीं झेल पाती इसलिए मैं रुक गया। क्योंकि जो लड़की पहली बार चुदती है, उसे आराआर से ही चोदना चाहिए, वरना उसके दिल में डर बैठ जाता है और वो दोबारा चुदना नहीं चाहेगी च

मैंने प्रिया को बोला- अब खड़ी होकर अपने कपड़े ठीक कर ले।

उसने कपड़े ठीक किये और मैं उसके साथ बाहर आ गया।

हाय दोस्तो, मेरा नाम सैक्सी बोएय है, मैं दिल्ली में रहता हूँ।



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मैं प्रिया की नथ उतार चुका था और वो मुझसे प्यार करने लगी थी।

मगर मेरी गर्लफ्रेंड कोई और ही थी और वो यह बात जानते हुए भी मुझ से चुदी थी अब रिय्रिया का मन पक्का हो गया था। हम क्लास में एक साथ बैठते थे, मैं उसके्मे सहलाता था, जैसे ही मौका मिलता उसे चूम लेता और वो इन सब चीजों से से बहुत रहती रहती रहती रहती रहती रहती रहती रहती रहती रहती रहती स स स स रहती स स स

एक बार मुझे और मेरे दोस्त को एक दिन के लिए परीक्षा के लिएादून जाना था, तो मैंने प्रिया से भी पूछ लिया कि वो चलेगी क्या?

उसने हाँ कर दी।

मेरे दोस्त ने भी अपनी गर्लफ्रेंड को साथ ले लिया, हम लोग पहले रात को देहरादून पहुंचे और अगले दिन सुबह हम रीारी परीक्षा थी।

हमने दो कमरे अलग अलग लिए, एक दोनों लड़कियों के नाम से और एक हम दोस्तों के नाम से! इससे हमें कमरे आराम से मिल गए।

हम दोनों लड़के एक कमरे में सो गए और दोनों दोनों लड़किय ँ। कमरे में में सो।।

अगले दिन हम दोपहर तक परीक्षा देकर आये और हमने सोचा कि एक दिन मसूरी भी घूम लें।

हम मसूरी के लिए निकल गए, ठण्ड का मौसम था, वहाँ अच्छी ठण्ड थी। हमने शाम को होटल में खाना खाया और जाकर अपने कमरों में सो गए। हमारी आपस में पहले ही बात हो गई थी कि हम रात में अपने कमरे बदल लेंगे।

रात में मैं प्रिया वाले कमरे में चला गया और प्रीति (जो मेरे दोस्त रमन्प्रीत की गर्लफ्रेंड थी) उसके कमरे में चली गई।

प्रिया मेरा इंतज़ार कर रही थी, उसने दरवाज़ा खुला छोड़ रखा था मैं कमरे के दर्दर घुसा तो देखा कि वो अपने कम्बल में लेटी थी। मैंने दरवाज़ा बंद किया और प्रिया के साथ कम्बल में घुस गया। देखा कि प्रिया ने कुछ नहीं पहना था।

मैंने फ़्रिज़ में से एक बीयर निकाली और प्रिया से पूछा तो उसने हाँ बोल दिया। उसने तब तक कभी बीयर पी नहीं थी। वो आधी बीयर पीकर ही बहक गई और मुझसे लिपट कर मुझे कहने लगी- राज तुम मुझ से ही शादी करना! अपनी वाली गर्लफ्रेंड को भूल जाओ, मैं तुम्हारे लिए कुछ भी करुँगी!

मैंने कहा- ठीक है, मगर मुझे बीयर तो ख़त्म करने दो!

मैंने बीयर ख़त्म की और प्रिया से कहा- आज से हम पति-पत्नी हैं, और मैं तुमसे ही शादी करूँगा!

कह कर मैंने उसके होंठों को चूमना चालू किया, उसने भी बड़ी नरमी से अपने होंठों को मेरे,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, चूत पर अपनी जीभ को फिरना चालू किया, वो मदहोश होकर पड़ी रही और मैं उसकी चूत को,,,,,,,,,,,,,,,,

मैं उसे देख देख कर और और गला गला था जा रहा था मैंने लंड लंड हल के के दर के के के न दर न न न न न न न न अन अन

प्रिया धीरे धीरे तड़पने लगी और मुझे यह सब देखने में बड़ा मज़ा आता था कि कोई लड़की तड़पे मेरे चोदने से!

मैंने अपनी गति बढानी चालू की, पर मैं प्रिया की सहनशीलता का पूरा ध्यान रख था था जब मुझे लगत बढ़ बढ़ बढ़ है बढ़ स बढ़ बढ़ बढ़ बढ़ बढ़ बढ़ बढ़ स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स

मैंने रिय्रिया के साथ कई बार सहवास किया, मगर आखिर में मुझसे गलती हो ही उसक मज़ ने फ़ट को बढ़ स बढ़ बढ़ बढ़ बढ़ स बढ़ बढ़ बढ़ बढ़ स बढ़ स बढ़ बढ़ स बढ़ स बढ़ बढ़ स स बढ़ स स स बढ़ स स स बढ़ स स स स स स स स बढ़ स स बहुत जोर से चिल्लाई और कस के मेरे छ ती ती नोच लिय लिय जिससे जिससे छ ती ती ती कर थ थ थ थ थ थ थ थ थ थ थ थ थ थ थ

मुझे गुस्सा आया और मैंने उसे कस के के तमाचा मार दिया, वो रोने लगी।

मगर जल्दी ही मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया और मैंने झट से में उसकी थी तरफ अपनी रह रह रह रह रह रह रह रह रह रह रह रह रह रह रह रह रह रह रह

मैंने जल्दी से फ़्रिज़ में से बर्फ निकाली और उसकी चूत पर लगा दी वो थोड़्दी चीखी मैंने अपने होंठ सील कर दिए।।।।।।।

फिर प्रिया को मैंने कहा कि अब वो सोने की कोशिश करे। मैं उसकी बगल में ही लेट गया और सुबह उठते ही उसे बोल कर मैं मैं पस पस।।।।।।।।

अपने कमरे का दरवाजा खटकाया तो प्रीति ने दरवाजा खोला, वो नंगी थी और एक एक चादर लपेटी हुई थी।

मैंने प्रीति को उसके कमरे में जाने को कहा और बोला- प्रिया का ध्यान रखना! उसे रात को काफ़ी तकलीफ़ हुई!

प्रीति मुस्कुरा कर चली गई।

मैंने रिय्रिया के साथ जब से सम्बन्ध बनाये तो मेरी तो चांदी हो गई थी थी, त,,,,,,,,,,,,,,,,,, रहत रहत रहत,, रोज़ मैं उसके मम्मे चूसने के लिए स्टाफ रूम में ले जाता और बहुत देर तक उसके मम्मे चूसता रहता। और वो जिस भी दिन स्कर्ट पहन कर आ जाती, उसी दिन उसकी चूत में अपना लिंग घुसा ही देता।

मैंने प्रिया के साथ वो सब काम किये जो मैंने कभी किसी ब्लू फिल्म में देखे थे। मैं उसके होंठों को एक दिन अपने अपने होंठों से मिलाया और इस तरह रगड़ा कि उसके होंठ एकदम ला ल गए और ऐस लग लग कि कि ज एग एग ज निकल निकल जाएगा।

और मैं उसे अक्सर दरवाज़े का सहारा लगा कर, उसकी मम्मे अपने हाथ में पकड़ कर उससे गन्दी बातें करता, मैं अक्सर उससे कहता- तू मेरी रखैल है! तेरी तो मैं रोज़ फुद्दी लूँगा!

और वो हंस-हंस कर मेरी सारी बातें सुनती रहती और मुझे मज़े देती रहती।

हमारे कॉलेज के पास एक पिक्चर हॉल था जहाँ मैं और वो अक्सर जाते और सबसे्लॉप पिक्चर के टिकट लेकर लेकर कोने बैठ ज ते ते ते हमेश वह वह ँ ँ मम रहत रहत करके करके करके करके चूसत चूसत चूसत

मुझे उसके नर्म, मुलायम मम्मों को चूसने में बड़ा मज़ा आता।

और फिर अपना लंड निकाल कर उसके हाथ में देकर उसे चूसने को कहता। पूरी पिक्चर हम ऐसे ही देखते।

अक्सर हम लोग कहीं घूमने जाते और हम होटल में रहते तो मैं उसे उसे कभी। नहीं पहनने देत थ।।। उसकी गाण्ड मोटी होती जा रही थी और मुम्मे भी बड़े होते जा रहे थे और और वो औरत बनने की की ओर रसर्रसर होती जा रही थी। जिसका पूरा श्रेय मुझे ही जाता है।

मैं अक्सर अपने दोस्तों के सामने भी उसे चूम लेता था और जब मन में आता उसकी चूत में थ थ थ चूत ल ल ले ले लेत थ थ।।।

मैं उसे अपनी गाड़ी में बिठा कर घुमाने ले जाता और हर ब र ब ड़ी र,,,,,,,,, लूँ लूँ लूँ लूँ लूँ लूँ लूँ लूँ लूँ लूँ लूँ लूँ लूँ लूँ लूँ लूँ लूँ लूँ

तो यह मौका मुझे जल्दी ही मिल गया।

मुंबई में मेरा एक दोस्त रहता था, उसका अपना फ्लैट था एक पॉशालोनी में, मेंाँ उसका अपना टैरेस-गार्डन था। मैं जब वहाँ गया तो प्रिया और मैं उसी दोस्त के फ्लैट में रुके। वहाँ मेरी उसे खुले में चोदने की तमन्ना भी पूरी हो गई। मेरा हाथ अक्सर प्रिया की चूत में ही रहता था, और जैसे ही मैं मम्मे सहलाना चालू करता सख उसके चुचूक सख सख्त हो जाते और मैं मैं उनसे खेलता रहता। मुझे लड़कियों में उनके मम्मे बड़े पसंद थे थे जब तक लड़की मम मे्मे बड़े न हों तब तक मेरे लिए लड़की के्स करने का कोई मतलब ही नहीं था।

प्रिया ने मुझे एकदम हबशी बना दिया था, मेरा दिन और रात बस उसके जिस्म के थाथ खेलने में ही चला जाता था।

मगर उसकी चूत की खुजली मिटाए नहीं मिटती नहीं थी।

एक रोज़ मैं अगर उसके साथ छेड़ छाड़ नहीं करता था उसे बुरा लग जाता था। मैं उसके साथ अक्सर ब्लू फिल्में देखा करता था और उसके साथ उसी स ट आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप उसकी आसप आसप आसप उसकी आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप उसकी आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप आसप साफ़ करता।

अब हम सेक्स ऐसे करने लगे थे जैसे लोग लोग र त हैं सोते हैं हैं हैं हैं करन ही हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं

खैर यह कहानी तो चलती ही रहेगी, अभी मुझे इतनी ही बातें याद है उस लड़की एक बारे में!

आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें-




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